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Jagdalpur- 3-Day Memory Management Shivir- मेमोरी मैनेजमेंट पर आधारित तीन दिवसीय शिविर
मेमोरी मैनेजमेंट पर आधारित तीन दिवसीय षिविर का उद्घाटन समारोह

Brahma Kumaris Jagdalpur
किसान सम्मेलन” कार्यक्रम जगदलपुर- Kisan Sammelan
जगदलपुर-प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय जगदलपुर के तत्वावधान में दिनांक 06 अक्टूबर 2025 को डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी सभागार (टाउन हॉल) जगदलपुर में ‘‘भारतीय कृषि दर्षन एवं सम्पूर्ण ग्राम विकास’’ विषय पर आधारित ‘‘किसान सम्मेलन’’ कार्यक्रम का आयोजन दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया गया।
इस अवसर पर कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आदरणीय राजयोगी बी.के. राजू भाई जी ने कहा भारत देश ग्रामों का देश है। लगभग 6.50 लाख लाख से भी अधिक गांव इस भारत माता की गोद में पल रहे हैं। उसके मुख्य व्यावसाय खेती है। उत्तम खेती, मध्यम व्यापार और नौकरी को तीसरे स्थान पर कनिष्ठ माना गया है। आज हम इसके विपरित पहुॅच गये हैं। नौकरी का सबसे पहला स्थान हो गया है, व्यापार अपनी जगह पर है, लेकिन के व्यावसाय से लोग गुम होते जा रहे है। कृषि एक ऐसा सुन्दर व्यावसाय है, जो धरती मां को एक बीज देने पर उससे हमें हजार बीज मिलते हैं। इतना सच्चा सौदा कहीं हो ही नहीं सकता। ऐसा कोई फैक्ट्री नहीं जहॉ एक चीज डाली जाए और उसकी 10 चीज बन कर निकले।
भारत की प्राचीन संस्कृति सनातन संस्कृति भी कृषि पर आधारित रहती है। मानव सृष्टि के प्रारंभ से सतयुग,त्रेतायुग, द्वापर युग और कलियुग चारों युगों में जीवन निर्वाह के लिए किसनों ने ही फल,फूल, सब्जी, दूध, अन्न, जल आदि उपलब्ध कराया। प्राचीन संस्कृति कृषि संस्कृति रही है, इसी संस्कृति के आधार पर भारत में हर त्यौहार मनाये जाते है। वर्तमान समय जलवायु में परिवर्तन हो रहा है। कहीं अतिवृष्टि, कहीं अनावृष्टि से फसलें नष्ट हो जाती है। आज कृषि के अनेक संसाधन कृषि यंत्र आई जिससे किसानों को कम मेहनत में अच्छी फसल उगाने का चांस मिल गया।
महापौर, जगदलपुर माननीय भ्राता संजय पाण्डे जी ने कहा वास्तव में शाश्वत यौगिक खेती हमारे क्षेत्र में एक चेतना का आरंभ है। सम्पूर्ण भारत दर्षन विकास यह भारत के लिए पुनत्थान का सूत्र है। भारत की आत्मा गांव में बसती है। जब कृषक स्वावलंबी और आत्मनिर्भर होता है तो वह देश भी सषक्त होता है। किसान भाई अन्नदाता ही नहीं है, वह सिर्फ अन्न ही नहीं उपजाता, बल्कि गांव के विकास में, गांव के स्वावलंबन के क्षेत्र में एक बड़ा माध्यम बन गये हैं। जब गांव सषक्त होगा तो हमारा देष भी सषक्त होगा। भारत की जो मिट्टी है वह केवल अन्न ही नहीं उपजाती बल्कि संस्कार भी उपजाती है।
इस अवसर पर क्षेत्रीय निदेशिका इंदौर जोन, आदरणीय राजयोगिनी बी.के. हेमा दीदी जी ने कहा वर्तमान समय देश को सषक्ति यौगिक खेती की आवष्यकता है। कई किसान रासायनिक खाद का प्रयोग करके सब्जियॉ उगाते और बेचते हैं। थोड़े से क्षेत्र में वह अपने लिए फल, सब्जी, और आनाज उगाते हैं, जो खुद के खाने के लिए रखते हैं। हमारी भावनाएॅ कितनी कुत्षित हो चुकी है, हम अपना स्वास्थ्य सोच रहे हैं। मैं अच्छा रहूॅ, मेरा परिवार कोई बीमारी के वष न हो। जबकि हम समझ रहे हैं इन चीजों से दूसरों को जहर दे रहे हैं, इनमें बीमारी है, जो खायेगा उसे बीमारी होगी, तो ऐसी चीजें हम पैदा ही क्यों कर रहे हैं। क्या यह अच्छा काम है। हमें फिर से भारत की खेती को उन्नत बनाना है तो पहले हमंे अपने मन को श्रेष्ठ बनाना होगा। उसके लिए हमें अपने मन की बुरी भावनाओं को खत्म करना होगा।
राजयोगी बी.के. सुमन्त भाई जी, मुख्यालय संयोजक कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग, माननीय भ्राता एम.एस. धु्रव जी, संयुक्त संचालक कृषि विभाग, बी.के. सरिता दीदी, संचालिका धमतरी सेवा केन्द्र, ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त कर कार्यक्रम में आए किसान भाईयों को लाभान्वित किया।
संचालिका बस्तर संभाग बी.के. मंजूषा दीदी ने कार्यक्रम उपस्थित सभी अतिथियों का स्वागत भाषण किया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी किसान भाईयों को बधाई और शुभकामनाएं दी। बी.के. रामा दीदी जी ने मंच का संचालन किया। स्थानीय लोक नृत्य की प्रस्तुति ने लोगों का मन मोह लिया
Brahma Kumaris Jagdalpur
Rajyoga Shivir

संसार का हर मनुष्य सुख–शांति की तलाश में रोज मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरूद्वारे में गुहार लगा रहा है। पूजा, पाठ, आरती, व्रत, उपवास, तीर्थ आदि धक्के खा खाकर इंसान थक गया है लेकिन सुख शांति आज भी कोसों दूर है.. बल्कि दुख, अशांति बढ़ती जा रही है, इसका एकमात्र कारण है देह अभिमान में वृद्धि होना और इन सब समस्याओं का एकमात्र निवारण और सुख, शान्ति का एकमात्र रास्ता स्व आत्मा का ज्ञान और परमात्मा की सही पहचान । इसी सत्य ईश्वरीय ज्ञान से और ईश्वर प्रदत्त राजयोग मेडिटेशन से सच्ची सुख, शान्ति का खजाना सहज ही मिल जाता है और सारा जीवन तनाव मुक्त होकर खुशहाल हो जाता है।”
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